नशा हे ख़राब : झन पीहू शराब


"न्यूज ब्लॉग में आपका स्वागत है" ..... जल है तो कल है "....." नशा हे ख़राब : झन पीहू शराब " ..... - अशोक बजाज
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गुरुवार, 3 मार्च 2011

राजिम अर्ध्दकुंभ 2011 का समापन समारोह


जल स्त्रोतों की रक्षा आज की सबसे बड़ी जरूरत -  श्री दत्त

   
 रायपुर, 02 मार्च 2011/महाशिवरात्रि के अवसर पर आज शाम प्रयागराज राजिम के त्रिवेणी संगम तट पर राज्यपाल श्री शेखर दत्त ने राजिम अर्ध्दकुंभ महापर्व 2011 के समापन समारोह का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। राज्यपाल श्री दत्त सहित सभी अतिथियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान राजीव लोचन की पूजा अर्चना भी की। राज्यपाल श्री दत्त ने इस अवसर पर कहा कि हमारे पूर्वजों, मनीषियों और संत जनों ने सदियों पूर्व से नदियों और सरोवरों की महत्ता पर बल दिया था। आज इस बात की फिर से आवश्यकता है कि हम अपने जल स्त्रोतों की रक्षा करे। उन्होंने कहा आज महाशिवरात्रि के पर्व पर पूरा राजिम शिवमय दिखाई दे रहा है,  शिव का शाब्दिक अर्थ है कल्याण करना। उन्होनें इस अवसर पर पूरे राज्य और नागरिकों के कल्याण की कामना की।
    राज्यपाल ने कहा कि राजिम अर्ध्दकुंभ महापर्व का आयोजन एक बड़ा और भव्य आयोजन है जिसमें लाखों की संख्या में लोग शामिल हुए है,  उन्होंने इतने बड़े आयोजन को व्यवस्थित बनायें रखने के लिये राज्य शासन की तारीफ की, उन्होने कामना कि की यह आयोजन हमेशा चलता रहेगा और छत्तीसगढ़ राज्य और यहां के नागरिकों को साधु-संतों की प्रेरणा तथा आशीर्वाद हमेशा मिलता   रहेगा। राज्यपाल ने भगवान राजीव लोचन तथा कुलेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि की विशेष पूजा की। संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने अपने स्वागत उद्बोधन में जनता को राजिम अर्ध्दकुंभ तथा महाशिवरात्रि पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राजिम कुंभ को साधु-संतों का आशीर्वाद प्राप्त है। इसीलिए इसकी प्रसिध्दि निरंतर बढ़ रही है। श्री अग्रवाल ने कहा कि महाशिवरात्रि पर्व पर त्रिवेणी संगम में दर्शनार्थियों की भीड़ और साधु-संतों की उपस्थिति देखकर ऐसा लग रहा है कि तीर्थ नगरी राजिम को अब ज्यादा प्रसिध्दि मिल रही है। उन्होनें कहा कि जिस प्रकार शरीर को चलाने के लिए भोजन की जरूरत होती है उसी प्रकार जीवन को सफल बनाने अध्यात्म और धर्म जरूरी है। अध्यात्म के कारण ही विभिन्न विषम   परिस्थितियों के बाद भी देश की एकता मजबूत बनी हुई है। श्री अग्रवाल ने महाशिवरात्रि पर्व पर छत्तीसगढ़ की जनता की सुख-शांति और समृध्दि की कामना की।
    कृषि मंत्री श्री चंद्रशेखर साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ विभिन्न धर्मो और सम्प्रदायों का आस्था स्थल है। राजिम कुंभ के आयोजन से छत्तीसगढ़ की धार्मिक सौहार्द्र की परम्परा और मजबूत हुई है। राजिम कुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम पर भक्ति भाव की धारा बहती है। विधायक महंत रामसुंदर दास ने कहा कि राजिम कुंभ के माध्यम से भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम हुआ है। मैं उम्मीद करता हूं कि राजिम कुंभ हर साल नई प्रतिष्ठा को प्राप्त करेगा। सांसद श्री चंदूलाल साहू ने अपने उद्बोधन में राजिम क्षेत्र की पावन महिमा की चर्चा की। राजगुरू महामण्डलेष्वर श्रीविशोकानंद जी महाराज ,महामण्डलेश्वर  प्रज्ञानंद जी महाराज तथा चम्पारण्य प्राकटय पीठाधीश्वर श्री द्वारकेश  लाल जी ने अपने आशीष वचन में जनता का आध्यात्मिक मार्ग दर्शन किया। समापन समारोह में बड़ी संख्या में साधु-संतों की भी पावन उपस्थिति रही। इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री पुन्नू लाल मोहले,छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के अध्यक्ष श्री राधाकृष्ण गुप्ता, विधायक श्री लेखराम साहू,पूर्व सांसद श्री पवन  दीवान,जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वर्मा भी उपस्थित थीं। छत्तीसग़ढ़ राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने आभार प्रदर्शन किया।



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