दैनिक " हाइवे चैनल " रायपुर ,23.10.2010 |
दैनिक " अग्रदूत " रायपुर ,24.10.2010 |
दैनिक "तरूण छत्तीसगढ़ " रायपुर ,24.10.2010 |
दैनिक " पेज -9 " रायपुर ,24.10.2010 |
दैनिक "वीर अर्जुन " नईदिल्ली ,24.10.2010 |
दैनिक "नेशनल लुक " रायपुर , 26.10.2010 |
मासिक पत्रिका "ग्राम संस्कृति " नवम्बर 2010 |
विस्तृत आलेख ग्राम चौपाल में पढ़े .
सहकारिता शुभ है। यह ग्लोबल विलेज की अवधारणा का लघुतम स्वरूप है।
जवाब देंहटाएंसहकारिता एक बहुत अच्छी अवधारणा है, जब तक कि उसमें स्वार्थी तत्व न आयें और ईमानदारी से काम होता रहे. आज कार के लिये लोन आसानी से मिल जाता है लेकिन गरीब किसान को पचीस-पचास हजार का कर्ज नहीं मिल पाता. किसान को सस्ता-सुलभ और कम ब्याज का कर्ज, भंडारण की सुविधा, उपज मंडी तक पहुंचाने के लिये गांवों का मंडियों से बढ़िया सड़क सम्पर्क तथा अवैध उगाही से मुक्ति मिल जाये तो एक बार फिर से किसान अपना खोया गौरव प्राप्त कर सकेगा और आत्महत्या जैसी विवश मृत्यु से निजात पा सकेगा... अपनी प्रोफाइल में कुछ तो लिखिये, जनाब.... शब्द पुष्टिकरण हटा देंगे तो बहुत अच्छा लगेगा...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी
जवाब देंहटाएंताज़ा-पोस्ट ब्लाग4वार्ता
एक नज़र इधर भी मिसफ़िट:सीधी बात
बच्चन जी कृति मधुबाला पर संक्षिप्त चर्चा
दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंashok ji aadaab dipavli pr hardik shubhkamnaayen. akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंसराहनीय ब्लॉग ...आपको धन्यवाद
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