छत्तीसगढ़ |
छत्तीसगढ़
में 1 जनवरी 2012 से 9 नए जिलों के निर्माण की अधिसूचना जारी हो गई है .
राज्य में अब जिलों की संख्या 18 से बढ़ कर 27 हो गई है . कभी यहाँ सिर्फ 7
जिले हुआ करते थे -- रायपुर,दुर्ग ,राजनांदगांव,बस्तर ,बिलासपुर, रायगढ
एवं सरगुजा . तब यह अविभाजित मध्यप्रदेश का हिस्सा था . 6 जुलाई 1998 को
मध्यप्रदेश में 16 नए जिले बनाये गए जिसमें से 9 इस अंचल के थे . ये है
धमतरी,महासमुंद,कवर्धा, कांकेर,दंतेवाडा , कोरबा , जांजगीर-चांपा,जशपुर और
कोरिया . छत्तीसगढ़ राज्य गठन के समय कुल 16 जिले थे . मुख्यमंत्री डॉ. रमन
सिंह ने वर्ष 2007 में दो नये जिलों- बीजापुर और
नारायणपुर का गठन किया था, जबकि इस वर्ष 2011 में उन्होंने स्वतंत्रता दिवस
के मौके पर नौ नये जिलों के निर्माण की घोषणा की है जिनमें बेमेतरा,
बलौदाबाजार, बालोद, बलरामपुर, गरियाबंद, मुंगेली, सूरजपुर, कोण्डागांव और
सुकमा शामिल हैं, जो उनकी घोषणा के अनुरूप ये जिले जनवरी 2012 से अस्तित्व
में आ गए और प्रदेश में जिलों की संख्या 18 से बढ़कर 27 होगई है .
जहाँ तक रायपुर जिले का सवाल है लगभग 14 वर्षों बाद इस जिले का पुनः विभाजन
हुआ है . 24 विकासखंडों एवं 20 विधानसभा क्षेत्रों में फैले इस जिले की
गिनती कभी देश के वृहत जिलों में होती थी . 6 जुलाई 1998 को इस जिले को
विभाजित कर धमतरी एवं महासमुंद जिले का निर्माण किया गया . चार
विकासखंडों--धमतरी,नगरी,कुरूद एवं मगरलोड को धमतरी जिले में तथा पांच
विकासखंडों- महासमुंद,बागबहरा,पिथौरा,बसना एवं सरायपाली को महासमुंद जिले
में शामिल किया गया .जिले के तीन टुकड़े होने के बावजूद भी पंद्रह विकासखंड
अभनपुर,धरसीवां,तिल्दा,सिमगा,भाटापारा,बलौदाबाजार,पलारी,कसडोल,बिलाईगढ़,आरंग,फिंगेश्वर,छुरा,गरियाबंद,मैनपुर
एवं देवभोग इस जिले में रह गए थे.
रायपुर जिले का नया आकार |
नए विभाजन में रायपुर जिले को पुनः तीन भागों में विभाजित किया गया है. जिले के पंद्रह विकास खण्डों में से
बलौदाबाजार , भाटापारा , सिमगा , पलारी , कसडोल एवं बिलाईगढ़ को मिलाकर
बलौदाबाजार तथा फिंगेश्वर,छुरा,गरियाबंद,मैनपुर एवं देवभोग को मिलाकर
गरियाबंद जिले का निर्माण किया गया है .अब रायपुर जिले में मात्र चार
विकास खंड अभनपुर , आरंग ,धरसीवां एवं तिल्दा ही शेष रह गए है . हालाँकि
इसमें रायपुर शहर भी शामिल है जो धरसीवां विकासखंड का हिस्सा है . अब इस
जिले का आकार काफी छोटा हो गया है . पहले कहाँ 24 विकासखंड और अब दूसरे
विभाजन के बाद मात्र 4 विकासखंड रह गए है . जिलों के नए रेखांकन के बाद अब
पुराना रायपुर जिला पांच भागों रायपुर,धमतरी,महासमुंद,बलौदाबाजार एवं
गरियाबंद में विभाजित हो गया है . कभी ये पांच तहसील हुआ करते थे अब पांचों
तहसील जिले का आकर ले चुके है .
अभी देवभोग ब्लाक के तेल नदी के आगे के ग्रामीणों को लगभग 250 की.मी. की दूरी तय कर जिला मुख्यालय रायपुर आना पड़ता था अब उन्हें गरियाबंद आने के लिए मात्र 150 - 160 की.मी. की दूरी तय करनी पड़ेगी . इसी प्रकार बिलाईगढ़ ब्लाक के लोगों को बलौदाबाजार आने के लिए अधिकतम 125 की.मी. की दूरी तय करनी पड़ेगी . इससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी ,वे आसानी से जिला मुख्यालय तक पहुँच सकेंगें .
अभी देवभोग ब्लाक के तेल नदी के आगे के ग्रामीणों को लगभग 250 की.मी. की दूरी तय कर जिला मुख्यालय रायपुर आना पड़ता था अब उन्हें गरियाबंद आने के लिए मात्र 150 - 160 की.मी. की दूरी तय करनी पड़ेगी . इसी प्रकार बिलाईगढ़ ब्लाक के लोगों को बलौदाबाजार आने के लिए अधिकतम 125 की.मी. की दूरी तय करनी पड़ेगी . इससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी ,वे आसानी से जिला मुख्यालय तक पहुँच सकेंगें .
राज्य बनाने के बाद रायपुर जिले का विभाजन प्रशासनिक दृष्टि से काफी लाजिमी हो गया था . राजधानी होने के कारण प्रशासनिक अमले का सारा ध्यान रायपुर में ही लगा रहता है , सुदूर के क्षेत्रों में प्रशासन की पकड़ मजबूत बनाने के लिए डा. रमन सरकार ने बेहतर निर्णय लिया है . नए जिलों के निर्माण से एक ओर जहाँ आम लोगों की अड़चने दूर होंगीं तो दूसरी ओर सरकार को अपने विकास के दृष्टिकोण को अमलीजामा पहनाने में सुविधा होगी. सरकार की इस उपलब्धि को कई पीढ़ी तक याद किया जायेगा . मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने 9 नए जिलों का निर्माण कर छत्तीसगढ़ महतारी को सबसे महंगे आभूषण नौलखा से विभूषित किया है .
बहुत सुन्दर!नववर्ष की मंगल कामना
जवाब देंहटाएं