नशा हे ख़राब : झन पीहू शराब


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बुधवार, 8 फ़रवरी 2012

राजिम कुंभ मेला- 2012 : अध्यात्म, कला और संस्कृति का कुंभ शुरू



मंच में स्थापित भगवान राजीवलोचन की मूर्ति
छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के रूप में प्रसिध्द तीर्थ स्थल राजिम के त्रिवेणी संगम पर कल माघ पूर्णिमा से अध्यात्म, कला एवं संस्कृति के समागम का राजिम कुंभ शुरू हो गया। राजिम कुंभ मेला महाशिवरात्रि तक चलेगा। महामण्डलेश्वर अग्नि पीठाधीश्वर श्री रामकृष्णानंद जी महाराज अमरकंटक और अन्य साधु-संतों के पावन सानिध्य में  महानदी, पैरी और सोंढूर नदी के संगम पर गंगा आरती के बाद भगवान राजीव लोचन की पूजा-अर्चना के साथ कुंभ की शुरूआत हुई। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक ने शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि की आसंदी से अपने उद्बोधन में कहा कि वर्ष 2005 से शुरू हुए राजिम कुंभ की शोभा हर वर्ष निखरती जा रही है। आस्था और विश्वास की आध्यात्मिक भूमि राजिम में कुंभ मेले के दौरान भक्ति भाव की अविरल धारा बहती है। राजिम की पावन भूमि आस्था और विश्वास का प्रमुख केन्द्र बन गया है, जिसके माध्यम से देश- विदेश में छत्तीसगढ़ की पहचान बनी है। समारोह की अध्यक्षता पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल तथा  आभार  प्रदर्शन राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने की

मंच में साधु संत एवं जनप्रतिनिधि गण

     विधानसभा अध्यक्ष श्री कौशिक ने कहा कि राज्य बनने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल के प्रयासों से छत्तीसगढ़ के प्रमुख ऐतिहासिक, धार्मिक और पौराणिक महत्व के स्थानों की ख्याति पूरे देश में फैली है। श्री कौशिक ने कहा कि माघ पूर्णिमा के साथ छत्तीसगढ़ के अनेक पवित्र धार्मिक एवं पुरातात्विक स्थलों में मेलों और महोत्सवों की श्रृंखला शुरू हो जाती है। इन आयोजनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की कला एवं संस्कृति को देखने-समझने का अवसर  मिलता है। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि राजिम कुंभ से देश-दुनिया में छत्तीसगढ़ की एक अलग पहचान बने, यही हमारा प्रयास है। भगवान राजीव लोचन की असीम कृपा से राजिम कुंभ की प्रतिष्ठा हर साल बढ़ती जा रही है। इस आयोजन में श्रध्दालुजनों को साधु-संतों का अमृत रूपी प्रवचन सुनने को मिलता है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ी संस्कृति के विविध रंगों की झलक भी यहां दिखाई देती है। कृषि मंत्री श्री चंद्रशेखर साहू ने राजिम की पावन भूमि को मुक्ति देने वाली भूमि बताते हुए कहा कि यह ऋषियों-मुनियों की तपो स्थली है। यहां साहित्य, अध्यात्म और संस्कृति की गंगा बहती है। खाद्य मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले ने कहा कि छत्तीसगढ़ अनेक धर्मों और सम्प्रदायों की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। इसीलिए यहां के निवासियों के दिलों में दया, क्षमा और स्नेह की भावना अधिक होती है। लोकसभा सांसद श्री चंदूलाल साहू ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।
आभार प्रदर्शन


     महामण्डलेश्वर अग्नि पीठाधीश्वर श्री रामकृष्णानंद जी महाराज, स्वामी प्रज्ञानंद और संत कवि पवन दीवान सहित अन्य साधु-संतों ने भी अपने आशीर्वचन दिए। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री युध्दवीर सिंह जूदेव, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री कृष्णकुमार राय, छत्तीसगढ़ पाठय पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री अशोक शर्मा, छत्तीसगढ़ भंडार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज, जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, श्री रामप्रताप सिंह सहित अनेक स्थानीय जनप्रतिनिधि और श्रध्दालुजन बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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